तप के बारह प्रकार हैं . छह प्रकार बाह्य तप के हैं . छह प्रकार अभ्यंतर तप के हैं . …
Devardhi
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१ . आप पैसों में से नए पैसे बनाते हो वो जैसे दुनियादारी हिसाब से आवश्यक है वैसे आप वर्तमान …
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शरीर को पाप प्रवृत्तियों से दूर रखना इसे काय गुप्ति कहते है . इसका पूर्ण पालन साधु जीवन में संभवित है …
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वाणी से धर्म विरहित वचन न बोलना , उसे वचन गुप्ति कहते है . इसका पूर्ण पालन साधु जीवन में संभवित …
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मन को अशुभ विचारों से मुक्त रखना यह मनो गुप्ति है . इसका पूर्ण पालन साधु जीवन में संभवित है . तीन …
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शरीर के उत्सर्ग का परित्याग अहिंसक तरीके से हो इसकी पूर्ण सावधानी रखना उसे पारिष्ठापानिका समिति कहते है . साधु …
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निक्षेपणा समिति जीवदया का पालन करने का तरीका सिखाती है . जो भी साधन सामग्री हम उपयोग में लेते है …
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एषणा समिति का पालन मुख्य रूप से साधु साध्वी के द्वारा होता है . आहार ग्रहण संबंधी विविध मर्यादाओं का …
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वाणी को मर्यादा और संयम से बांध के रखना वह भाषा समिति है . तीन बातें याद रखिये . १ …
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चारित्र आचार में पाप परिहार की प्रधानता होती है . प्रथम चारित्र आचार है ईर्या समिति . एक स्थान से …
