काय क्लेश अर्थात् शरीर को कष्ट देना . अपनी सहन शक्ति के अनुसार शरीर को कष्ट देना चाहिए . शरीर …
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रस त्याग अर्थात् स्वादिष्ट द्रव्य का त्याग . आप को जो आईटम खाने में प्रिय अथवा अति प्रिय लगती है …
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वृत्ति संक्षेप में आहार द्रव्य , पेय द्रव्य की संख्या तय की जाती है . कम से कम द्रव्य लेना …
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अपनी भूख से थोड़ा कम खाना यह उणोदरी तप है . तीन बातें हैं . १ . आप भोजन ग्रहण …
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तप के बारह प्रकार हैं . छह प्रकार बाह्य तप के हैं . छह प्रकार अभ्यंतर तप के हैं . …
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१ . आप पैसों में से नए पैसे बनाते हो वो जैसे दुनियादारी हिसाब से आवश्यक है वैसे आप वर्तमान …
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शरीर को पाप प्रवृत्तियों से दूर रखना इसे काय गुप्ति कहते है . इसका पूर्ण पालन साधु जीवन में संभवित है …
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वाणी से धर्म विरहित वचन न बोलना , उसे वचन गुप्ति कहते है . इसका पूर्ण पालन साधु जीवन में संभवित …
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मन को अशुभ विचारों से मुक्त रखना यह मनो गुप्ति है . इसका पूर्ण पालन साधु जीवन में संभवित है . तीन …
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शरीर के उत्सर्ग का परित्याग अहिंसक तरीके से हो इसकी पूर्ण सावधानी रखना उसे पारिष्ठापानिका समिति कहते है . साधु …
