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माता तुं भाग्य विधाता छे

by Devardhi
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माता तुं भाग्य विधाता छे माता तुं जीवनदाता छे
तुं शक्तिनुं साचुं रूप छे तुं करुणा वत्सल माता छे

नव नव महिना तें कुक्षिमां बोजो उंचकी राख्यो मारो
मानवना मुज अवतार तणो तें खयाल राख्यो एकधारो
तारा अन्नथी मुजने अन्न मळ्युं तारा श्वासथी मुजने श्वास मळ्यो
माटीना एक आ कोडियाने तारी ज्योतिनो अजवास मळ्यो
माता तुं भाग्य विधाता छे माता तुं जीवनदाता छे
तुं शक्तिनुं साचुं रूप छे तुं करुणा वत्सल माता छे .१

एक नानुं एवुं बीज हतुं एने फूल बनाव्युं तें सुंदर
तारी कायामां मारा देह तणुं तें केवी रीते कीधुं घडतर
तें आंख आपी तें कान आप्या तें नाक आप्युं तें हृदय आप्युं
तें हाथ आप्या तें पग आप्या तें दूध पाई आयुष्य आप्युं
माता तुं भाग्य विधाता छे माता तुं जीवनदाता छे
तुं शक्तिनुं साचुं रूप छे तुं करुणा वत्सल माता छे .२

मनें बोलतां चालतां ना आवडे मनें खातां पीतां ना आवडे
मनें नहातां धोतां ना आवडे तनें एनाथी ना फरक पडे
तें मुजने बद्धुं शीखव्युं छे तें भूल बधी ज सुधारी छे
तें पथ्थरमांथी शिल्प घड्युं देवर्धि कला तुज भारी छे
माता तुं भाग्य विधाता छे माता तुं जीवनदाता छे
तुं शक्तिनुं साचुं रूप छे तुं करुणा वत्सल माता छे.३

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